वुमेंस कॉलेज कलकत्ता हिन्दी विभाग की स्थापना सन् 2004 में हुई थी। डॉ. अनिंदा गंगोपाध्याय एवं डॉ. दुष्यंत कुमार सिंह के साथ विभाग की शुरुआत हुई थी। बाद के वर्षों में मीनू सिंह तथा महमूदा खानम ने भी विभाग में शामिल हुईं। सन् 2016 में डॉ. स्नेहा सिंह विभाग से जुड़ी और विभाग को समृद्ध किया। अभी वर्तमान में कुल 4 प्राध्यापिकाएँ हैं जो अपनी अलग-अलग अकादमिक विशेषता तथा साहित्यिक व कलात्मक रूचियों के साथ छात्राओं का मार्गदर्शन कर रही हैं। विभाग छात्राओं के उज्जवल भविष्य के प्रति कर्तव्यनिष्ठ तो है ही साथ ही छात्राओं में जीवन-मूल्यों का संचार करते हुए साहित्यिक-सामाजिक-सांस्कृतिक चेतना को प्रोत्साहित भी करती है। विभाग का उद्देश्य न केवल छात्राओं को शिक्षण के क्षेत्र में उत्तीर्ण कराना है अपितु उन्हें एक सफल एवं सार्थक मनुष्य बनने की बुनियादी शिक्षा देने के लिए भी संकल्पित है।
हिन्दी विभाग में विद्यार्थियों की शिक्षण-प्रविधियों का विशेष ध्यान रखा जाता है। साक्षात कक्षा के अतिरिक्त यहाँ गूगल मीट, यूट्यूब चैनल (लिंक), पीडीएफ फाईल, ऑनलाईन कक्षा, विडियो कॉल, ई-पत्रिका, प्रिंटेड सामग्री के माध्यम से भी कक्षा की सुविधा प्रदान की जाती है।
(i) B. A. (Honors) in Hindi (CBCS system)
(ii) B. A. (General) in Hindi (CBCS system)
विभाग द्वारा समय-समय पर दीवाल पत्रिका का संपादन छात्राओं द्वारा किया जाता है। यह पूर्णत: विद्यार्थियों द्वारा स्वचालित है। इसके माध्यम से विभाग की प्रत्येक छात्र-सदस्य की निजि विशिष्ट प्रतिभा व साहित्यिक अभिरूचि प्रस्फुटित होती है, जिससे उनमें आत्म-चेतना का प्रसार तथा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का विकास होता है।
विभाग विद्यार्थियों की शैक्षणिक-गतिविधियों को विकसित करने के साथ-साथ उनकी सामाजिक गतिविधियों को भी प्रेरित करने में अहम् भूमिका का निर्वाह करती है। विभाग की यह हमेशा कोशिश रही है कि एक छात्रा एक सफल छात्र के साथ-साथ एक अच्छा मनुष्य बनें। अतएव महाविद्यालय प्रांगन में कई सामाजिक मंचों का आयोजन कराया जाता है जैसे- वार्षिक उत्सव, सांस्कृतिक प्रतियोगिता, सरस्वती पूजा समारोह, स्वतंत्रता दिवस समारोह आदि जिनमें विद्यार्थी पूर्ण सक्रियता के साथ भाग लेते हैं। इसके अतिरिक्त महाविद्यालय द्वारा कुछ कैरियर एडवांसमेंट कोर्स भी करवाई जाती है जिससे छात्राएँ प्रोत्साहित होती हैं एवं उनके भविष्य की परियोजना का प्रारूप तैयार होता है।
हिन्दी विभाग अपनी छात्राओं की साहित्यिक-सांस्कृतिक क्षमताओं व अभिरूचियों का ध्यान रखते हुए प्रतिवर्ष कई तरह के सांस्कृतिक साहित्यिक कार्यक्रमों का आयोजन करता रहा है। छात्राएँ प्रतिवर्ष मुंशी प्रेमचंद जयंती, हिन्दी दिवस, शिक्षक दिवस का अनुपालन बड़े उत्साह के साथ करती हैं। इसके अतिरिक्त विभागीय प्राध्यापिकाओं के निर्देशन में छात्राएँ अंतरमहाविद्यालयीन वाद-विवाद प्रतियोगिता, भाषण, टिप्पणी आदि में भी सक्रिय हिस्सा लेती रहती है।
प्रतिवर्ष विभाग से उत्तीर्ण छात्राएँ वुमेंस कॉलेज, कलकत्ता के एल्युमीना में शामिल हो जाती है। ये छात्राएँ अपने कैरियर को सफल बनाने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में अपना प्रयास जारी रखती है। विभाग से उत्तीर्ण छात्राएँ अपनी मेहनत, लगन व निष्ठा से विभिन्न संस्थाओं को समृद्ध कर रही हैं—
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पुस्तकालय
महाविद्यालय में केंद्रीय पुस्तकालय एवं सेमिनार पुस्तकालय की सुविधा भी छात्रों के लिए उपलब्ध है। पुस्तकालय द्वारा छात्रों को नेशनल डिजिटल लाईब्रेरी की सदस्यता भी सहजता से दिलाई जाती है। कुछ पत्र-पत्रिकाएँ भी यहाँ ऑनलाईन उपलब्ध है। पुस्तकालय में पाठ्यक्रम से संबंधित विभिन्न आधारभूत ग्रंथ एवं संबंधित प्रतिष्ठित आलोचकों की आलोचनात्मक ग्रंथ को रखा गया है।
वुमेंस कॉलेज कलकत्ता हिन्दी विभाग की स्थापना सन् 2004 में हुई थी। डॉ. अनिंदा गंगोपाध्याय एवं डॉ. दुष्यंत कुमार सिंह के साथ विभाग की शुरुआत हुई थी। बाद के वर्षों में मीनू सिंह तथा महमूदा खानम ने भी विभाग में शामिल हुईं। सन् 2016 में डॉ. स्नेहा सिंह विभाग से जुड़ी और विभाग को समृद्ध किया। अभी वर्तमान में कुल 4 प्राध्यापिकाएँ हैं जो अपनी अलग-अलग अकादमिक विशेषता तथा साहित्यिक व कलात्मक रूचियों के साथ छात्राओं का मार्गदर्शन कर रही हैं। विभाग छात्राओं के उज्जवल भविष्य के प्रति कर्तव्यनिष्ठ तो है ही साथ ही छात्राओं में जीवन-मूल्यों का संचार करते हुए साहित्यिक-सामाजिक-सांस्कृतिक चेतना को प्रोत्साहित भी करती है। विभाग का उद्देश्य न केवल छात्राओं को शिक्षण के क्षेत्र में उत्तीर्ण कराना है अपितु उन्हें एक सफल एवं सार्थक मनुष्य बनने की बुनियादी शिक्षा देने के लिए भी संकल्पित है।